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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से वर्चुअल इंडिया मोबाइल कांग्रेस को संबोधित किया।

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से वर्चुअल इंडिया मोबाइल कांग्रेस  इस आयोजन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दूरसंचार उपकरण, डिजाइन, विकास एवं विनिर्माण के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्‍होंने यह चेतावनी दी कि प्रौद्योगिकीय उन्‍नयन के कारण हमारे पास हैंडसेट्स और गैजेट्स बार बार बदलने की संस्‍कृति है। उन्‍होंने प्रति‍निधियों से यह विचार करने के लिए कहा कि क्‍या उद्योग इलेक्‍ट्रॉनिक अपशिष्‍ट से बेहतर रूप से निपटने और एक सर्कुलर अर्थव्‍यवस्‍था का सृजन करने के बारे में सोचने के लिए कार्यबल का गठन कर सकता है। उन्‍होंने भविष्‍य में लंबी छलांग लगाने के लिए 5जी का समय पर शुभारंभ सुनिश्चित करने और लाखों भारतीयों को सशक्‍त बनाने के लिए मिलकर काम करने का अनुरोध किया।      प्रधानमंत्री ने कहा कि आ रही प्रौद्योगिकी क्रांति के साथ जीवन को बेहतर बनाने के बारे में सोचना और योजना बनाना बहुत महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि किसानों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल, बेहतर शिक्षा, बेहतर जानकारी और अवसरों तथा छोटे व्‍यापार

एमएसएमई क्या है।

MSME
कोरोनावायरस की असर भारत सहित दुनियाभर की अर्थव्यवथा पर पड़ी है।कोरोना ने वैश्विक अर्थव्यवथा की कमर तोड़ दियी है।कोरोना के कारण वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद को ८-१०% का नुकसान हुआ है।तकरीबन उतना ही नुकसान भारत की अर्थव्यवथा को भी पोहचा है।कोरोना के प्रभाव से कोय भी सेक्टर अछूता नहीं है,परन्तु कॉरोना का सबसे ज्यादा असर माइक्रो स्मोल एवम  मिडीयम(MSME) सेक्टर ओर असंगठित सेक्टर पर पड़ा है।यही दो सेक्टर भारत में सबसे ज्यादा रोजगार देता जो ९२-९३% के आसपास है,ओर सकल घरेलू उत्पाद में भी उसका बड़ा योगदान है।इस असर से उबर ने में दोनों सेक्टर को काफी समय ओर संसाधन की जरुरत होगी। भारत में २ महीने से तालाबंदी में है ईसके कारण माइक्रो,स्मोल एवम मिडियम (MSME)उद्योग का कामकाज पूरी तरह बंध से।इसे तालाबंदी के कारण ४० करोड़ रोजगार पर असर होगा ऐसा अंतरराष्ट्रीय लेबर ऑर्गनाइजेशन का अनुमान है।



माइक्रो स्मोल एवम मीडियम उद्योग किसे कहते है।
  • माइक्रो स्मोल एवम मीडियम उद्योग नी वयख्या माइक्रो स्मोल एवम मिडीयम सुधार अधिनियम २००५ के मुताबिक करते है ।पहले माइक्रो स्मोल एवम मीडियम का वर्गीकरण मशीनरी ओर इन्वेस्टमेंट के आधार पर करते थे ।उस वर्गीकरण के मुताबिक जो उद्योग का इन्वेस्टमेंट मैन्युफैक्चरर सेक्टर के लिए २० लाख से कम हो उसे माइक्रो उद्योग ,जिसके उद्योग का इन्वेस्टमेंट २०लाख -५ करोड़ से कम हो उसे स्माल उद्योग ओर जिस उद्योग का ५ करोड़ से ज्यादा उसे मीडियम उद्योग का दर्जा दिया जाता है। सर्विस सेक्टर के लिए ये सीमा माइक्रो उद्योग के लिए १० लाख से कम ,स्माल उद्योग के लिए १०लाख से २ करोड़ की बीच ओर मीडियम उद्योग के लिए २करोड़ से ज्यादा वाले उद्योग इस उद्योग में आते है। 



  • उद्योग के लिए ऐसा वर्गीकरण वास्तविक नहीं था।इसी लिए नया वर्गीकरण टर्नओवर के आधार पर किया गया है।नया वर्गीकरण के मुताबिक ५ करोड़ के टर्नओवर वाले उद्योग माइक्रो उद्योग के केटेगरी में आयेगे,स्माल उद्योग के लिए टर्नओवर की सीमा ५करोड़ -७५ करोड़ ओर मीडियम उद्योग के लिए टर्नओवर की सीमा ७५-२५० करोड़ की राखी गई है।
माइक्रो स्मोल एवम उद्योग अर्थव्यवथा के लिए महत्व का है
  • माइक्रो स्मोल एवम मीडियम उद्योग भारत की अर्थव्यवथा की रीह की ड्डी के समान है।माइक्रो
  •  स्मोल एवम मीडियम उद्योग सकल घरेलू उद्योग में ३५% की हिसेदारी रखते है ओर निर्यात में माइक्रो स्माल एवम मीडियम उद्योग का हिस्सा ४५-४८ %है ।माइक्रो स्मालो एवम मीडियम उद्योग की संख्या ६५ मिलीयन है।जो
  •  १२ करोड़  लोको रोजगार देती है ६५ मिलीयन माइक्रो स्मोल एवम मिडीयम उद्योग में से ३३ मिलीयन ग्रामीण
  •  इलाके  में स्थापित है ओर ३२ मिलीयन शहरी इलाके में स्थापित है।
  • माइक्रो स्मोल एवम मिडीयम उद्योग में ९९.५% माइक्रो उद्योग ,०.५% स्माल ओर ०.२ % मीडियम उद्योग है।
  • माइक्रो उद्योग जिसकी संख्या ९९.५% है उसका रोजगार ५ करोड़ लोको को रोजगार देता है।
  • माइक्रो स्माल ओर मीडियम उद्योग में से १४% उत्तरप्रदेश ओर १३% पश्चिम बंगाल जैसे पिछ्ले इलाके में है।
  • माइक्रो स्माल ओर मीडियम १२.५%  सिड्यूल कास्ट ,४.१% सिड्यूल ट्राइब्स ओर ४९% अथर बैकवर्ड क्लास के लोगो द्वारा चलाई जाते है।ओर माइक्रो स्मोल एवम मिडीयम उद्योग २०% महिला को रोजगार देता है।
  • कोरोना की असर माइक्रो स्मोल मीडियम उद्योग पर
  • कोरोना के कारण माइक्रो स्मोल एवम मीडियम उद्योग २ महीने के लिए बंद थे उस कारण इस सेक्टर। की प्लांट  क्षमता घट कर १५% रह गई है।निर्यात भी घट कर १०% रह गई है।७०% माइक्रो स्माल ओर मीडियम उद्योग बांध है। ऑल इंडिया मैनुफैक्चरर एसोसियेशन(AIMO) ने ५२००० उद्योग  का सर्वे के देता अनुसार १/३ माइक्रो स्माल ओर मीडियम उद्योग रिकवर नहीं हो पाएंगे।३७% उद्योग ने बताए  ६ महीने लगेंगे उस रिकवर होने के लिए। तालाबंदी से सेक्टर का काम बन होने के वजह सेक्टर का नोन परफॉर्मिंग ऐसेट में भी इजाफा हो रहा है।माइक्रो स्माल ओर मीडियम उद्योग का नोन परफार्मिंग ऐसेट १७% हो गया है जो पहले १३.१ % था।माइक्रो स्माल ओर मीडियम उद्योग को PSU बैंक का हिस्सा ५७% ,प्राइवेट बैंक का हिस्सा ३६% ओर NBFC का हिस्सा १०% के आसपास है। माइक्रो स्माल ओर मीडियम उद्योग को मिलने वाले क्रेडिट भी लगातार घटती जा रही जो २०१९ में १३% थी जो २०२० के शरुआत में ११.२% हो गई ।इससे आने वाले समय में सेक्टर में नकदी के समस्या ओर बड़ी गी। वैश्विक तलबंधी के वजह से काफी सारे ऑर्डर की डिलीवरी ना होपने के कारण स्टोरेज में भी बढ़ोतरी  हो गई है। मिस स्माल ओर मीडियम उद्योग के इनकम में ७०% घट गई है।


माइक्रो स्मोल एवम मीडियम एंटरप्राइज के लिए उठाए गए कदम
  • माइक्रो स्मोल एवम मीडियम इंटरप्राइज के लिए सरकार ने ३ लाख करोड़ का लोन का प्रावधान किया है। १०० करोड़ की टर्नओवर वाली एंटरप्राइज को बिना को लेटरल लोन दिया जाएगा। ४०० करोड़ का सीजीटीएमएससी मदद दियी जाएगी सरकार ५०००० करोड़ का इक्विटी फंड लाएगी एवम साथ में १०००० करोड़ का corpus fund लाएगी ।
  • २०० करोड़ तक के टेंडर के लिए विदेशी फार्म को निषेद किया गया है।
  • ४५ दिवस में माइक्रो स्मोल एव मीडियम एंटरप्राइज का चुकता करेगी।
  • स्ट्रेस माइक्रो स्मोल एवम मीडियम एंटरप्राइज के लिए २०००० करोड़ फंड दिया जाएगा।
  • सरकार १५००० तक के कर्मचारी के प्रोविजन फंड का एंटरप्राइज का १२% हिस्सा देगी।


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